Garbha Sanskar (Hindi)

Garbha Sanskar (Hindi)


Unabridged

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खुशी, आश्चर्य और सराहना के साथ नए मेहमान का स्वागत कैसे करें

‘गर्भ संस्कार’ ऐसा संस्कार है, जिसे हमने अपने पूर्वजों से प्राचीन सांस्कृतिक विरासत के रूप में प्राप्त किया था लेकिन धीरे-धीरे समझ के अभाव में उसका महत्त्व कम होता गया। आज जब वैज्ञानिकों ने भी मान लिया कि संतान का मानसिक और व्यवहारिक विकास भी गर्भ में ही आरंभ हो जाता है और उसे उचित गर्भ संस्कार देकर बेहतर बनाया जा सकता है तो फिर से गर्भ संस्कार की उपयोगिता और महत्त्व को आधुनिक पीढ़ी द्वारा स्वीकारा गया है।

ऐसे में ज़रूरत उभरती है एक ऐसी ‘गर्भ संस्कार’ समझ की, जो आज के समय की बात करे, आज की भाषा में बात करे, आज के उदाहरणों, चैलेंजेस् को सामने रखते हुए माता-पिता को सही रास्ता दिखाए। प्रस्तुत पुस्तक ऐसे ही उद्देश्य को लेकर लिखी गई है, जिसमें गर्भ संस्कार की प्राचीन मूल समझ को आधुनिक परिवेश के ढालकर प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक हमें सिखाती है-

• अपने साथ-साथ अपने गर्भस्थ शिशु का भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक विकास कैसे करें, उसे संत संतान कैसे बनाएँ?

• गर्भावस्था में हमारा आहार, विचार, व्यवहार कैसा होना चाहिए।

• गर्भस्थ शिशु में अच्छे गुणों का कैसे विकास करें, उसे बुरी आदतों और दुर्गुणों से कैसे दूर रखें।

• गर्भस्थ शिशु को ऐसा वातावरण कैसे दें, जिसमें उसका हर तरह से सर्वोत्तम विकास हो।

• गर्भस्थ शिशु के मन में परिवारजनों के प्रति प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का भाव कैसे जगाएँ।

• प्रसव की पूर्व तैयारी कैसे करें।

ये सब आप सीखनेवाले हैं एक रोचक कहानी और उसके पात्रों के ज़रिए, जिनके सवालों में और समस्याओं में आपको अपने सवालों और समस्याओं की झलक मिलेगी, साथ ही मिलेगा उन्हें सुलझाने का सरल एवं उत्तम मार्गदर्शन।