Mahamatya Ajanta

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Unabridged

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Historical Hindi Novel महामात्य अजंता पी. प्रशांत मैं उन लोगों को 'महामात्य अजंता' सुनने की सिफारिश अवश्य करूँगा जो विजेता बनने में रुचि रखते हैं। —प्रोफेसर डॉ. आर. ए. शर्मा उसकी इस दुर्गति का कारण जलते हुए वस्त्र के भाग के पीछे अचानक प्रकट हुआ वह चित्र था जिसे देखकर उसकी आत्मा भी काँप उठी और वह पसीना-पसीना होकर अत्यधिक घबराहट भरे स्वर में बोला, ''अजंता...।'' एक हजार वर्ष से भी अधिक प्राचीन राजमहल के एक विशाल कक्ष की ऊँची दीवार पर चित्रित उसके मात्र चित्र को देखकर ही वह भय से काँप गया... ऐसा था अजंता... एक हज़ार वर्ष के पश्चात भी जिसका भय किसी की भी आत्मा तक को कँपाने के लिए पर्याप्त था।