
Messages from Gurutattva, Hindi (गुरुतत्त्व के संदेश)
मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा समाधान है, परमात्मा को पाना; परमात्मा – वह विश्वचेतना शक्ति जो कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी! परमात्मा को पाने का एक निश्चित मार्ग है, गुरुतत्त्व से जुड़ना और गुरुतत्त्व से जुड़ने का सरल मार्ग है, वर्तमान समय के उस माध्यम से प्रार्थना करना जिसके शरीर के माध्यम से गुरुतत्त्व अविरत प्रवाहित होते रहता है।
दिनांक २५ जनवरी से ११ मार्च २०२१ के दौरान सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी के द्वारा १५वाँ गहन ध्यान अनुष्ठान संपन्न हुआ। गत वर्ष की परिस्थितियों ने हमें सूक्ष्म चेतना शक्ति से जुड़कर अंतर्मुखी होना सिखाया और इसी अभ्यास को प्रशस्त करते हुए गुरुतत्त्व से जुड़ने का यह गहन ध्यान अनुष्ठान एक श्रेष्ठ अवसर रहा।
‘गुरुतत्त्व के संदेश’, यह पुस्तिका पूज्य स्वामीजी के द्वारा इस अनुष्ठान के दौरान दिए गए संदेशों का संकलन है जिसमें उन्होंने प्रत्येक साधक का निजी मार्गदर्शन करके उनको आध्यात्मिक मार्ग पर दिशा-सूचन किया है। इन संदेशों द्वारा पूज्य स्वामीजी ने न केवल ‘गुरुतत्त्व’ को व्यांख्यांकित किया है, अपितु गुरुतत्त्व से समरसता स्थापित करके मोक्ष की स्थिति कैसे प्राप्त की जा सकती है यह भी विस्तृत रूप से समझाया है।
पाठक भी, इस पुस्तिका में दिए गए संदेशों से लाभांवित होकर अपने जन्म के उद्देश्य को प्राप्त करने के मार्ग पर अग्रसर हो सके, यही शुद्ध प्रार्थना है।
Praise
