मन के बुद्ध बनने की यात्रा
मन का बुद्ध बनना अर्थात मन को ऐसा प्रशिक्षण देना, जिससे मन हर परिस्थिति में शांत अथवा आनंदित रह पाए। समस्याएँ, बीमारियाँ या कोई भी घटना होने के बावजूद जब मन अकंप, आनंदित और सकारात्मक रह पाता है तब होती है मन के बुद्ध बनने की यात्रा। यह यात्रा किसी तीर्थयात्रा से कम नहीं है, जो आप इस पुस्तक द्वारा करनेवाले हैं। इस यात्रा से मिलनेवाला पुण्य होगा आपका प्रशिक्षित और पवित्र मन। जिसके बाद आपको मिलेगा बेहतरीन जीवन जीने का राजमार्ग।
इस पुस्तक द्वारा आप मन रूपी मौके की पहचान पाकर उसे शांत, उत्साही और बेहतरीन बनाकर मन के बुद्ध बन सकते हैं। इसके लिए इस पुस्तक में चार कदम बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं ः
1. मन के बुद्ध बनने के पहले कदम में इंसान को सिखाया जाता है कि कभी भी जीवन की घटनाएँ या अपने आप पर अफसोस नहीं करना चाहिए।
2. मन के बुद्ध बनने के दूसरे कदम में बार-बार होनेवाली एक ही गलती को मनन द्वारा जल्द से जल्द सुधारने की कला सिखाई जाती है।
3. मन के बुद्ध बनने के लिए तीसरा आवश्यक कदम कहता है, जीवन में जो बातें बदली नहीं जा सकतीं, उन्हें बदलने में अपनी ऊर्जा खर्च न करें।
4. मन के बुद्ध बनने के चौथे कदम में इंसान दूसरों को बिना वजह उकसाने की आदत से मुक्ति पाता है।
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