लॉटरी - मुंशी प्रेमचंद की कहानी

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लॉटरी - मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Lottery - A Classic Story by Munshi Premchand

"लॉटरी" मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध व्यंग्य कहानी है, जो मानव स्वभाव, लालच और भाग्य की गहराई को उजागर करती है। सुनें हिंदी साहित्य की इस कालजयी रचना को और जानें प्रेरणादायक संदेश।

प्रेमचंद की कहानी 'लॉटरी' मानव स्वभाव, भाग्य के प्रति आसक्ति और त्वरित सफलता की चाहत पर एक मनोरंजक और व्यंग्यात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इस कहानी में प्रेमचंद ने यह दिखाया है कि कैसे लॉटरी जैसे साधन लोगों के मन में लालच और भ्रम पैदा कर सकते हैं और इसका असर उनके जीवन पर पड़ता है। 'लॉटरी' न केवल मनोरंजक है, बल्कि यह हमें सिखाती है कि मेहनत और ईमानदारी से अर्जित सफलता ही स्थायी होती है। हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए यह कहानी मुंशी प्रेमचंद की व्यंग्यात्मक लेखनी का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे अवश्य सुनें और अपने विचार साझा करें।

???? कहानी का नाम: लॉटरी

???? लेखक: मुंशी प्रेमचंद

 ???? शैली: व्यंग्यात्मक, सामाजिक

???? मुख्य विषय: लालच, भाग्य, और मेहनत का महत्व

 ???? मुख्य पात्र: लॉटरी पर विश्वास करने वाला व्यक्ति

 ???? कहानी के मुख्य बिंदु: भाग्य और मेहनत का अंतर लालच और उसके परिणाम मुंशी प्रेमचंद की व्यंग्यात्मक शैली समाज के स्वभाव का यथार्थ चित्रण

मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं। लॉटरी - मुंशी प्रेमचंद की कहानी |