Nayi Peedhi Ki Nayi Chunautiyan

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Unabridged

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अभिजीत को समझते देर न लगी, ज़रूर यह काग़ज़ नंदा ने ही भेजा है। अभिजीत ने जिज्ञासा से काग़ज़ को लगभग झपटते हुए लिया और जल्दी से खोलकर पढ़ना चाहा। पत्र नंदा ने ही अभिजीत के लिए भेजा था। अभिजीत पढ़ने लगा- 'अभिजीत जी मुझे हृदय से दुःख हुआ आपकी पारिवारिक परिस्थितियों के बारे में जानकर। कोई भी बेटी अपने पति के घर सहृदय और नये जीवन की आसीम संभावनाओं के साथ आती है। संभवत आपकी पत्नी भी इन्हीं सब भावनाओं के साथ आपके जीवन में आयी होगी। आप निश्चित रूप से अपनी पत्नी की उन भावनाओं को समझने और सहेजने में उसी तरह विफल हुए हैं, जिस तरह आप शादी का प्रस्ताव लेकर मेरे जीवन में आये और चले गये! आप को मेरे जीवन में न आने के लिए मैं आपको 'धन्यवाद' करते हुए, आज मैं अपने आपको भाग्यवान महसूस कर रही हूँ।' -नंदा महज़ एक यात्री।