
वो ऐसी ही थी
जिस राधा की शादी उसके मां-बाप इतने धूमधाम से करते हैं ।उस राधा के साथ शादी के दिन ऐसा क्या होता है कि उसे ससुराल पहुंचते ही अपनी जीवन लीला समाप्त करनी पड़ती है। पुलिस के अधिकारी कभी उसकी मृत्यु का जिम्मेदार ससुराल पक्ष को मानते हैं तो कभी उनका शक मायके वालों पर जाता है। आखिर उस दिन ऐसी कौन सी घटना घटित हुई थी कि पुलिस राधा की मृत्यु का राज, राज ही रहने देती है। उसका पति अशोक जिसे राधा जानती भी नहीं थी उससे वो कभी मिली भी नहीं थी वही उसकी मृत्यु का जिम्मेदार कैसे हो जाता है? यदि राधा की मृत्यु का जिम्मेदार उसका पति अशोक ही था तो पुलिस उसे सजा क्यों नहीं दिलाती? इन सभी बातों का पता लगाने के लिए आपको सुनना होगा मनोज प्रवीण की पारिवारिक कहानी वो ऐसी ही थी आज के समाज का कड़वा सच जानने के लिए भी हर किसी को सुनना चाहिए कहानी संग्रह वो ऐसी ही थी यह एक कहानी ही नहीं आपके आसपास घट रही एक सच्चाई है जिससे हम सभी को सबक लेना पड़ेगा। यह कहानी संग्रह अमेजॉन, फ्लिपकार्ट एवं बुक ऑडियो तथा अन्य कई प्लेटफार्मो पर भी उपलब्ध है।
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