
दूसरी पारी - एक अहम मोड़
अपने जीवन में मैं ऐसे कई लोगों से मिली हूँ जिनमें बहुत पछतावा भरा हुआ है, जिसकी वजह उनके सोचने का तरीका है। फलस्वरूप उन्हें दुर्गम कठिनाइयों तथा भीषण दुखों का सामना करना पड़ा।अब जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूँ तो मुझे भी ऐसे कई उतार-चढ़ाव के अनुभवों का सामना करना पड़ा है। आप किस तरह से किसी आपातकालीन परिस्थिति को संभालते हैं तथा उस वक्त जिस प्रकार से आप अपने धारणा में बदलाव लाकर अंततः उस समस्या का समाधान करते हैं - यह विषय सीखने योग्य है।
इसलिए, मैंने अपने कुछ विचारों व समस्या-समाधान प्रक्रियाओं को लिखने के बारे में सोचा ताकि अन्य लोग उस ज्ञान से लाभान्वित हो सकें तथा उन निराशाओं व असुरक्षा की भावना से बच सकें जिनका न केवल मुझे कभी अनुभव करना पड़ता था बल्कि उनका निदान भी निकालना पड़ता था।अब जब मैं स्वयं सफलता की प्रक्रियाओं से गुज़रने के बाद एक जीवन प्रशिक्षिका बन गई हूँ, मैं अन्य लोगों के जीवन को भी छूना चाहती हूँ ताकि उन्हें एक सार्थक जीवन जीने और सफलता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाया जा सके। एक सामान्य व्यक्ति के रूप में मेरे अनुभव, जिन्हें मैंने इस पुस्तक में साझा किया है, इसे पढ़ने वालों के जीवन में बदलाव लाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
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